'गीतों ने तोड़ दिया दम' सरोज पाण्डेय का एक मार्मिक काव्य संग्रह है, जो मानवीय संवेदनाओं, सामाजिक वास्तविकताओं, और आधुनिक जीवन के अंतर्विरोधों को गहराई से उजागर करता है। इस संग्रह की कविताओं में भावनाओं का संचार, जीवन के विविध रंगों का चित्रण, और समय के परिवर्तन का प्रभाव स्पष्ट झलकता है। पाण्डेय की लेखनी में एक प्रकार की सहजता और सरलता है, जो पाठक को सीधे हृदय से जोड़ती है।
इस
संग्रह में कविताएँ जीवन के विभिन्न पहलुओं को प्रतिबिंबित करती हैं—जैसे प्रेम, पीड़ा, सामाजिक
विडंबनाएँ, संघर्ष और आत्ममंथन। प्रत्येक कविता अपने आप में एक कथा कहती है, जो पाठक को
सोचने पर मजबूर करती है।
काव्य
शैली और भाषा
सरोज
पाण्डेय की भाषा सरल, प्रवाहपूर्ण और सहज बोधगम्य है। उनकी कविताओं में हिंदी के प्रचलित शब्दों
का सटीक और सुंदर प्रयोग मिलता है। भाषा में न तो अधिक आडंबर है और न ही अनावश्यक
शब्दजाल। सरल शब्दों में गहरी बातें कहने की उनकी क्षमता इस संग्रह को विशेष बनाती
है। छंदबद्ध और छंदमुक्त दोनों प्रकार की कविताएँ इस संग्रह में शामिल हैं, जो उनकी
साहित्यिक विविधता को दर्शाती हैं।
भावनात्मक
अभिव्यक्ति और प्रतीकात्मकता
पाण्डेय
की कविताएँ मानवीय भावनाओं को अत्यंत सजीवता से प्रस्तुत करती हैं। विशेष रूप से
पीड़ा, प्रेम, विछोह, और सामाजिक विडंबनाओं का मार्मिक चित्रण उनकी लेखनी की शक्ति को दर्शाता
है। उनके द्वारा प्रयुक्त प्रतीक और बिंब प्रभावशाली हैं, जो पाठक को
गहरे अर्थों की अनुभूति कराते हैं। उदाहरणस्वरूप, 'गीतों ने तोड़
दिया दम' शीर्षक ही यह संकेत करता है कि जीवन की वास्तविकताओं ने कोमल भावनाओं पर
कितना गहरा आघात किया है।
कई
कविताओं में प्रतीकों का प्रभावशाली प्रयोग देखने को मिलता है। 'टूटे पत्ते', 'बुझी चिंगारी', 'खोया सपना' जैसे बिंब न
केवल कवि की पीड़ा को व्यक्त करते हैं, बल्कि समाज की उदासीनता को भी उजागर करते
हैं।
विश्लेषण
और सन्देश
इस
काव्य संग्रह का प्रमुख सन्देश यह है कि जीवन की कठिनाइयों और सामाजिक विडंबनाओं
के बीच भी संवेदनशीलता को जीवित रखना आवश्यक है। सरोज पाण्डेय अपनी कविताओं के
माध्यम से पाठकों को न केवल वास्तविकता से रूबरू कराते हैं, बल्कि उन्हें
आत्ममंथन के लिए भी प्रेरित करते हैं। उनकी कविताएँ समाज में व्याप्त अन्याय, विषमता और संवेदनहीनता पर तीखा प्रहार करती
हैं।
समग्र
मूल्यांकन और निष्कर्ष
समग्रतः, 'गीतों ने तोड़
दिया दम' एक सशक्त काव्य संग्रह है, जो भावनाओं की गहराई और सामाजिक संवेदनाओं को
एक नए दृष्टिकोण से प्रस्तुत करता है। सरोज पाण्डेय की लेखनी में सहजता और
संवेदनशीलता का ऐसा संगम है,
जो पाठक को गहराई से प्रभावित करता है। यह
संग्रह न केवल पढ़ने योग्य है, बल्कि विचारणीय भी है। यह आधुनिक हिंदी कविता
में एक महत्वपूर्ण योगदान है, जो लंबे समय तक पाठकों के हृदय में स्थान
बनाए रखेगा।

लेखक:सरोज कुमार पाण्डेयनम्या प्रेस दिल्ली
Website: https://namyapress.com
संस्करण : प्रथम 2024
आईएसबीएन : 978-93-5545-519-2
नम्या प्रेस दिल्ली
Website: https://namyapress.com
0 Comments