यात्रा कथा साहित्य की दुनिया में बहुत सारी किताबें है जिसमें सामान्यत लेखक अपनी नजर से प्रकृति संस्कृति समाज को देखते हैं पर अचल पुलस्तेय की “कुरुना से कामाख्या” अकेली ऐसी किताब है जिसमें नदियों पहाड़ों की नजर से मानुष्य को देखने की कोशिश है। आइये आज असम की एक छोटी सी नदी चम्पाबती से पुलस्तेय का संवाद सुनते है।
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