देवरिया, 9 सितम्बर। नागरी प्रचारिणी सभा, देवरिया द्वारा जनपद निवासी राष्ट्रीय फलक के कवि ध्रुवदेव मिश्र ‘पाषाण’ की जयंती मनाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ उनके चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया। इस अवसर पर जिले के रचनाकारों, समाजसेवियों और पत्रकारों ने उनके जीवन एवं कृतित्व पर चर्चा की।
ईस्टर्न साइंटिस्ट के मुख्य संपादक डॉ. आर. अचल पुलस्तेय ने कहा कि ध्रुवदेव मिश्र ‘पाषाण’ जनसंघर्षों के योद्धा कवि थे। उन्होंने कविताएँ बंद कमरों या विश्वविद्यालयों में बैठकर नहीं लिखीं, बल्कि समता, स्वतंत्रता और श्रम-मूल्य के लिए चल रहे आंदोलनों में सक्रिय भागीदारी करते हुए रचीं। यही कारण है कि उनकी कविताएँ आज भी अन्याय और विषमता के खिलाफ लड़ने की प्रेरणा देती हैं।
किसान-मजदूर नेता शिवाजी राय ने कहा कि पाषाण की कविताएँ खेत-खलिहान और कारखानों में काम करने वालों के पसीने की महक से भरी हुई हैं। वे आज के दौर में भी स्वयं को कम्युनिस्ट कहने में संकोच नहीं करते थे। कम्युनिस्ट किसी राजनीतिक दल का नहीं बल्कि एक विचारधारा का नाम है, और जो भी किसान-मजदूरों के पक्ष में, भूख, विषमता और शोषण के खिलाफ बोलने और लड़ने का साहस रखता है, वही सच्चा कम्युनिस्ट है।
एक्टिविस्ट डॉ. चतुरानन ओझा ने पाषाण को अपना प्रेरणा-स्रोत बताते हुए कहा कि संयोग से आज टॉलस्टॉय, माओ, रामवृक्ष बेनीपुरी और अवतार सिंह ‘पाश’ जैसे कई क्रांतिकारी रचनाकारों की भी जयंती है। उन्होंने कहा कि वास्तविक कविता केवल मनोरंजन नहीं, बल्कि सामाजिक बदलाव की वाहक होती है।
पूर्व प्राचार्य डॉ. सुधाकर तिवारी ने कहा कि किसी रचनाकार की पहचान उसकी रचनाओं से ही होती है। उसके व्यक्तित्व को उसकी रचना से अलग करके नहीं समझा जा सकता। वरिष्ठ कवि सरोज कुमार पाण्डेय ने पाषाण की शैली में कविता-पाठ कर उन्हें याद किया।
गोष्ठी की अध्यक्षता नागरी प्रचारिणी सभा, देवरिया के अध्यक्ष जयनाथ मणि त्रिपाठी ने की। इस अवसर पर पूर्व अध्यक्ष आचार्य परमेश्वर जोशी, उपाध्यक्ष डॉ. दिवाकर प्रसाद तिवारी और मंत्री डॉ. अनिल कुमार त्रिपाठी ने भी अपने विचार रखे और कवि पाषाण को जनचेतना का कवि बताया।
कवि ध्रुवदेव मिश्र ‘पाषाण’ के पुत्र तथा दैनिक हिन्दुस्तान के ब्यूरो चीफ वाचस्पति मिश्र ने उपस्थित विद्वानों के प्रति आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में अंजलि अरोड़ा, कीर्ति त्रिपाठी, प्रार्थना राय, डॉ. शकुन्तला दीक्षित, पवन मिश्र, कांग्रेस नेता ऋषिकेश मिश्र, दयाशंकर कुशवाहा, सौदागर सिंह, डॉ. रमाकांत कुशाग्र और रजनीश गोरे सहित अन्य प्रतिभागियों ने काव्यपाठ और वक्तव्यों के माध्यम से कवि को स्मरण किया।
कार्यक्रम का संचालन नागरी प्रचारिणी सभा के उपाध्यक्ष इन्द्र कुमार दीक्षित ने किया।
0 Comments