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योगः से योगा तक : विमर्श, विरासत और विवाद-  डॉ. आर. अचल पुलस्तेय *
Issue-30   Vol.-I     Jan. – Mar. 2025
इंजीनियरिंग शिक्षा: आकर्षण और बेरोजगारी का यथार्थ- डॉ. आर. अचल पुलस्तेय*,
नेहरू वैश्विक दृष्टिकोण एंव समझ के नेता थे- पुलस्तेय
विविधता पूर्ण लोकतंत्र का प्रतिबिम्ब- अचल पुलस्तेय के काव्य संग्रह "लोकतंत्र और रेलगाड़ी" की समीक्षा-ड़ा.दुष्यतं कुमार शाह*
मानवीय संवेदनाओं, सामाजिक विसंगतियों और व्यक्तिगत अनुभूतियों का काव्यसंग्रह-"जरा सोच के बताना- वरुण शैलेश*
प्रेम और संघर्ष का यथार्थ: उद्भव मिश्र का काव्य संग्रह-तुम्हारे लिए -पुलस्तेय*
अन्याय और विषमता पर प्रहार करती कविताओं का संग्रह- "गीतों ने तोड़ दिया दम"- अचल पुलस्तेय*
राजनीतिक गुलामी: वीर व विचारक पैदा करती है, आर्थिक गुलामी काहिल और कायर -अचल पुलस्तेय
केवल हथियारों नहीं निपटा जा सकता है आतंकवाद से -प्रवीन मान*
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